parliament of indiaसंसद की कार्य प्रक्रियाparliament of India का कार्य दिन के अलग अलग भागो में अलग अलग तरीके से किया जाता है क्योंकि parliament of India में संसद सदस्यों पर बहुत अधिक कार्य होता है इसीलिए कार्य को सुनियोजित तरीके से पूरा करने के लिए प्रत्येक कार्य के लिए एक निश्चित समय रखा गया है जैसे प्रश्नकालप्रश्नकाल का समय दिन के प्रारंभ में 1 घंटे का समय होता है इस समय में संसद सदस्यों द्वारा लोकसभा महत्व के किसी मामले पर जानकारी प्राप्त करने के लिए मंत्रिपरिषद से प्रश्न पूछे जाते हैं यह समय parliament of india के दोनों सदनों में प्रत्येक बैठक के प्रारंभ में शुरू होता है प्रश्नकाल के दौरान कुछ अलग अलग तरीके के प्रश्न पूछे जा सकते हैं जैसे तारांकित प्रश्न starred questionतारांकित प्रश्न ऐसे प्रश्न होते हैं जिन प्रश्नों का उत्तर सदस्य तुरंत चाहता हो ऐसे प्रश्नों का उत्तर मौखिक रूप से सदन नहीं दिया जाता है सदन में तारांकित प्रश्नों के अनुपूरक प्रश्न भी पूछे जाते हैं तारांकित प्रश्नों को इंग्लिश में स्टारड क्वेश्चन कहा जाता है अतारांकित प्रश्न unstarred questionजिन प्रश्नों का उत्तर सदस्य तुरंत सदन में नहीं चाहता और लिखित उत्तर चाहता है ऐसे प्रश्न अतारांकित प्रश्न होते हैं इन प्रश्नों के अनुपूरक प्रश्न नहीं पूछे जाते इंग्लिश में इन्हें अनस्टारड क्वेश्चन कहा जाता है अल्प सूचना प्रश्न short notice questionकुछ प्रश्न ऐसे भी होते हैं जो अविलंब और ऐसे कार्य से संबंध रखते हो जिसमें अधिक देरी करना समाज के लिए ठीक नहीं ऐसे प्रश्नों को जिन्हें साधारण प्रश्न के लिए निर्धारित 10 दिन की अवधि से कम समय में सूचना देकर पूछा जा सकता है अल्प सूचना प्रश्न कहते हैं अल्प सूचना प्रश्नों को अंग्रेजी में शॉर्ट नोटिस क्वेश्चन कहा जाता है गैर सरकारी सदस्य से पूछे जाने वाले प्रश्नसंसद में मंत्री परिषद सदस्यों के अलावा दूसरे सदस्यों से जिन्हें गैर सरकारी सदस्य कहा जा सकता है उन लोगों से भी प्रश्न पूछे जाते हैं जब प्रश्न का मामला किसी ऐसे सदन के कार्य के किसी अन्य विषय से संबंधित हो जिसके लिए वह सदस्य कभी उत्तरदाई रहा हो ऐसे सदस्य से प्रश्न पूछे जा सकते हैं उन्हें गैर सरकारी सदस्य से पूछे जाने वाले प्रश्न कहा जाता है आधे घंटे की चर्चाजिन प्रश्नों का उत्तर सदन में दे दिया गया हो प्रश्नों से उत्पन्न होने वाले मामलों पर चर्चा लोकसभा में 3 दिन तक होती है जिसमें सोमवार बुधवार और शुक्रवार को बैठक के अंतिम आधे घंटे में की जा सकती है लेकिन राज्यसभा में ऐसी कोई भी चर्चा का समय सभापति नियत करता है अक्सर दिन में शाम 5:00 से 5:30 बजे तक नियत की जा सकती है ऐसी चर्चा में विषय और तथ्यात्मक मामले का स्पष्टीकरण आवश्यक है और इस प्रकार की चर्चा की सूचना कम से कम 3 दिन पहले दी जानी चाहिए शून्यकालparliament of india के दोनों सदनों में प्रश्नकाल के ठीक बाद के समय को शून्यकाल का समय कहा जाता है शुन्य काल के समय में ऐसे मुद्दों को उठाया जाता है जिन पर सदस्य तुरंत कार्यवाही चाहते हैं यह समय 12:00 से 1:00 के अंतराल का समय होता है इस समय में अविलंब महत्व के मुद्दों पर चर्चा की जाती है शून्य काल को अंग्रेजी में जीरो अवर कहते हैं आधे घंटे की चर्चा के अलावा संसद में किसी भी प्रकार के प्रश्न को पूछ कर उसका उत्तर पाने में कम से कम 10 दिन का समय लगता है जिस कारण किसी अविलंब या सार्वजनिक महत्व के मामले को उठाने की प्रक्रिया के संबंध में parliament of india के दोनों सदनों की प्रक्रिया तथा संचालन के नियमों के मामलों को उठाने की प्रक्रिया विहित की गई है इन नियमों में दो प्रकार के मामले का उल्लेख है प्रस्तावस्थगन प्रस्तावस्थगन प्रस्ताव में ऐसे मुद्दे पेश किए जाते हैं जो अविलंब व सार्वजनिक महत्व के मुद्दों होते हैं स्थगन प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद parliament of india की नियमित कार्यप्रणाली रोक दी जाती है लेकिन इस प्रस्ताव को पेश करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का पूरा होना आवश्यक है 1 मामले का स्वरूप निश्चित तथा स्पष्ट हो
देश की राजनीतिक स्थिति अराजकता बेरोजगारी रेल दुर्घटना बंद हो जाना सामान्य अंतरराष्ट्रीय स्थिति स्थगन प्रस्ताव के लिए उचित विषय है जो भी व्यक्ति है प्रस्ताव पेश करना चाहता है वह प्रस्ताव पेश करने के दिन सुबह 10:00 बजे प्रस्ताव की सूचना अध्यक्ष सभापति संबंधित मंत्री तथा महासचिव को देगा यदि अध्यक्ष सोचता है कि मामला नियम अपील हेतु प्रस्ताव पेश करने की अनुमति मिल जाएगी और प्रश्नकाल की समाप्ति के बाद सदन की अनुमति से प्रस्ताव पेश किया जाएगा ऐसे प्रस्ताव पर विचार विमर्श के लिए शाम 4:00 बजे से लेकर 6:30 बजे तक का समय नहीं आता है इस प्रकार के प्रस्तावों को सरकार के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव भी कहा जाता है ध्यानाकर्षण प्रस्तावध्यानाकर्षण प्रस्ताव की मदद से सदन का कोई सदस्य किसी अविलंब लोक महत्व के मुद्दे की तरफ किसी मंत्री का ध्यान आकर्षित करता है सभापति की अनुमति से यह प्रस्ताव स्वीकार किया जाता है इस मामले पर सदस्य चाहता है कि संबंधित मंत्री मामले पर एक संक्षिप्त वक्तव्य दें ऐसे में मंत्री उसी समय व्यक्त वे दे सकता है अन्यथा किसी अन्य तिथि को वक्तव्य देने के लिए समय की मांग कर सकता है इस प्रस्ताव के स्रोत सदस्य की निजी जानकारी वह समाचार पत्र हो सकते हैं इससे संबंधित नियम 1954 में बनाया गया यह प्रस्ताव सुबह 10:00 बजे के समय लिखित रूप में दिया जाता है इस प्रस्ताव को अंग्रेजी में कॉल अटेंशन मोशन कहा जाता है अल्पकालीन चर्चाएंअल्पकालीन चर्चा उठाने की परंपरा 1953 से जारी है इस चर्चा को उठाने के लिए मामले का संक्षेप में उल्लेख करते हुए और उसके कारणों की स्पष्ट व्याख्या करते हुए सदस्य जो चर्चा उठाना चाहता है वे महासचिव को सूचना देता है इस तरह की सूचना पर दो अन्य व्यक्तियों के हस्ताक्षर होने बहुत आवश्यक है ऐसी चर्चा संसद में उठाई जाएगी या नहीं इसका निर्णय अध्यक्ष सभापति के हाथ में होता है ऐसी चर्चा मंगलवार और गुरुवार को स्वीकार की जाती है अवश्य पढ़ें
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